बुधवार, 15 अक्तूबर 2014

हैदराबादी बोली में शब्द है - पोट्टा -पोट्टी



आज के  शब्द है  हैदराबादी बोली में -  पोट्टा -पोट्टी . 
ये शब्द क्रमशः  लड़का -लड़की के लिए प्रयुक्त होते हैं। 

इन शब्दों के  अर्थ / भावार्थ से  कौन परिचित नहीं होगा !! 

इसलिए वाक्य के स्थान पर   अन्य बोलियों /भाषाओँ में इनके लिए  सिर्फ शब्द देने हैं। जैसे -

राजस्थानी में छोरा -छोरी , टींगर -टींगरी (छोटे बच्चों के लिए )
नेपाली -   कांछा - कांछी 
गुजराती -  डीकरा- डीकरी
भोजपुरी - बबुआ और बबी     

अन्य भाषाओँ /बोलियों में अपनी जानकारी साझा करें ! 

बुधवार, 8 अक्तूबर 2014

आज का शब्द - नादिदा


आज का शब्द - नादिदा !!

पंकज त्रिवेदी जी ने नादिदा का अर्थ लिखा   - लालची 
नादीदाओं के घेरे में सदा रहने की आदत तेरी … 

वहीँ राजस्थानी में इसे इतराने/अनोखे  के सन्दर्भ में लिया जाता है।  
नादिदो हुयो घणो , काईं नादीदी बातां करो... 

जैसे लड़कियों को घूमने फिरने की स्वतंत्रता देने की बात पर बुजुर्ग रिश्तेदार ताना दे देते हैं --  हुई घणी नादीदी 

बुधवार, 1 अक्तूबर 2014

ओळमों - उलाहना (राजस्थानी)



बातचीत व्यवहार में हिंदी /अंग्रेजी का प्रयोग अधिक होने के कारण प्रादेशिक /देशज शब्दों का शब्दों का प्रयोग इतना कम हो  गया है कि कई बार कानों में सुन पड़ने वाले शब्द  दिमाग पर चोट करते हैं और हमारी प्रतिक्रिया होती है - अरे हाँ ! ऐसे भी तो बोला जाता है.
 शब्दों के विशाल संग्रह से अपने आपको परिचित करवाने का प्रयास है यह ब्लॉग।  यात्रा में साथी बनेंगे आप भी !
किसी  भी प्रादेशिक बोली /भाषा के  एक शब्द का चयन करते हुए उसी शब्द के पर्याय अन्य भाषाओँ में लिखने का प्रयास रहेगा।  अपनी शब्द प्रतिभा को अवसर दीजिये शब्दों की इस परिक्रमा को समृद्ध करने का !! 


आज का शब्द है राजस्थानी भाषा में  - 

ओळ्यूं - याद 
माँ री ओळ्यूं (माँ  की याद ) 

ओळमों-  उलाहना , शिकायत 
बे काईं ओळमों दियो ! (उन्होंने क्या शिकायत की )


हमारे देश में बोली जाने वाली अन्य बोलियों /भाषाओँ में इसे क्या कहते हैं।  उदाहरणस्वरुप एक वाक्य हो जिसमे भावार्थ प्रकट हो  तब तो बात ही क्या !!