रविवार, 1 जुलाई 2018

आँचलिक शब्दों का सौंदर्य.... चतुर, चतुराई

आँचलिक बोलियों/भाषाओं में कुछ शब्द अपने अर्थ से ऐसे गुँथे होते हैं कि अन्य किसी भी अन्यय भाषा में उसका सटीक शब्दार्थ तलाशना मुश्किल होता है. 
राजस्थानी (मारवाड़ी) में ऐसा ही एक शब्द है चत्तर, चतर (चतुर).
यह चतर/चतुर हिंदी में जिस अर्थ में (clever)  प्रयुक्त होता है, राजस्थानी में कुछ अंतर से प्रयोग होता है.  जैसे अपने कार्य में अत्यधिक सतर्कता बरतने वाले अथवा सावधानी पूर्वक अपना कार्य करने वालों के लिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है.  इस शब्द  को अपने प्रिय (स्त्री या पुरूष दोनों के लिए) को इंगित करने के लिए भी प्रयुक्त होता है.

 इस राजस्थानी लोकगीत में चतुर सजनी के लिए  चतुराई शब्द का इतना सुंदर संयोजन है कि बस इसके आनंद से रससिक्त हुआ जा सकता है.  किस शब्द में इसकी व्याख्या हो , या तो मुझे भाषा का इतना ज्ञान नहीं या मैं समझा नहीं पा रही.
किसी भाषाशास्त्री के लिए संभव हो तो आभारी रहूँगी....

जयपुरिये गयो ए नादान बनी ए 
तन पेहरण की चतुराई बन्नी न लहरियो ल्यायो ए
 जोधाणे गयो ए नादान बनी ए
तन प्हेरण की चतुराई मोजड़ी ल्यायो ए...

https://m.youtube.com/watch?v=canMjdds26w

इस गीत में नायक अपनी प्रेयसी से कह रहा है कि वह जयपुर गया था, वहाँ से उसके लिए लहरिया लेकर आया है. जोधपुर गया तो मोजड़ी (जूतियाँ) लेकर आया. इस गीत से यदि चतुराई शब्द  हटा दें जो कि यहाँ अपने वास्तविक शब्दार्थ में प्रयुक्त नहीं है , तब भी गीत के रस माधुर्य को कमतर कर देता है.
आँचलिक शब्दों का शिल्प और भाषा में उनको उपयुक्त स्थान पर प्रयोग करने पर जो रस माधुर्य उत्पन्न होता है, उसे गूँगे   का गुड़ ही जानो....

सोमवार, 25 मई 2015

नीयत जिसी बरकत....

नीयत जिसी बरकत!

 अच्छे दिन आने वाले हैं, आयेंगे , आ गये! खूब जुमले उछले. अनगिनत चुटकुले भी बने इस पर.
हालाँकि सकारात्मक सोच आजकल उपचार की विधि के रूप में प्रचलित है जो यह कहती है कि आप जो चाहते हैं वही पाते हैं. जैसा सोचते हैं वही बन जाते हैं!
हमारे घरों में घुट्टी की तरह पिलाई जाती रही कि कभी घर में कुछ माँगने पर यह मत कहना कि नहीं है, खत्म हो गई. यही कहना है कि अभी लाते है, अभी आ जायेगी.
बुजुर्ग स्त्रियाँ बहुत खिझती रहीं कि आजकल की बहू बेटियों को देखो - झट कह देंगी कि नहीं है, हैसियत नहीं है आदि आदि. हमने तो कभी ना नहीं कही इसलिये इतनी कम कमाई में भी गुजारा होता रहा. इनके पास सब होते भी नहीं ही रहती है. कोई घर से भूखा नहीं गया. जैसी इनकी नियत वैसी ही बरकत!

सोमवार, 16 मार्च 2015

राबड़ी बोली म तन दाँतां से खाऊँ.... राजस्थानी कहावत


आज एक राजस्थानी कहावत पर विचार करें।

राबड़ी बोली म तन  दाँतां  से खाऊँ (राबड़ी ने कहा मैं तुझे दांतों से चबा जाउंगी )

यानि कि  अपनी  सामर्थ्य को बढ़ चढ़ कर बताना  या  प्रचारित करना।  राबड़ी एक राजस्थानी पारम्परिक व्यंजन है जिसे मक्का , बाजरा के आटे  को छाछ में घोलकर पकाया  जाता है।  इसे पीने के जैसे ही खाया जा सकता है और ऐसी चीज यदि ललकारें कि मैं तुझे अपने दांतों से चबा जाऊं तो असंभव सी बात लगेगी।
 वैसे ही जैसे चूहा  हाथी को ललकारे !

सोमवार, 10 नवंबर 2014

"अद्भुत " शब्द करामाती है !

"अद्भुत " शब्द करामाती है ! अभिव्यक्ति के लिए शब्दों की कंगाली से आपको बचा लाता है. अंग्रेजी में तो "वंडरफुल " से काम चल जाये मगर अपनी बोली में आप इसके लिए क्या प्रयोग करते हैं , इसकी पड़ताल रोचक और जानकारीपूर्ण होगी। बहुत सोचने पर भी अपनी बोली में " गज़ब " के सिवा कुछ ढूंढ नहीं पाई। 

आप बताएं कुछ शब्द जो " अद्भुत" को अभिव्यक्त करें।

ब्लॉग या फेसबुक पर कई बार अजीबोगरीब स्थितियां होती हैं। जब कुछ पढ़ा और अच्छा लगा , समझ नहीं आये कि विस्तार में क्या लिखा जाए तो गूंगे के गुड़ जैसी अनुभूति को "अद्भुत " लिख देना एक सुलभ और प्रभावी विकल्प है .
वास्तव में ही कुछ रचनाकार और उनकी प्रविष्टियाँ इतनी अद्भुत होती है कि जन सामान्य इसपर अद्भुत के सिवा कुछ लिख भी नहीं सकता . किसी का लिखा पसंद न आने पर निरुत्साहित अथवा व्यंग्य करने के लिए बड़ी -बड़ी टिप्पणियां करने से से तो हर हाल में बेहतर है कि जो रचना मुग्ध कर जाए वहां " अद्भुत " (गज़ब , वाह , खूब आदि) ही लिख दिया जाए 

नोट - जो व्यक्त करने में असमर्थ नहीं है , उन्हें " अद्भुत " अभिव्यक्ति की कंगालियों के लिए सुरक्षित रहने देना चाहिए .

फेसबुक पर चली इस शब्द चर्चा पर बहुत से शब्द आये जो यह भाव तो प्रस्तुत कर सकते हैं , 
जैसे - 

  • राजन सिँह मारवाडी में फूटरो ।
    • Shikha Varshney चलो एक भाषा और आती है उसमें भी बता देती हूँ - जमिचातेलना .. रूसी में

    • राजन सिँह अच्छे के लिए तो चोखा या चोखी होता ही है न वाणी जी।
      मनबोध मास्टर भावातीत, भावप्रवण, जानदार, शानदार ,:)
    • मनबोध मास्टर कालजयी तो भूल ही गया 

      Sheetal Maheshwari Laajawaab umda
    • Suchhit Kapoor गजब ही सूझा । बाकि अनौपचारिक और हास्य के पुट में - तोडू,बबाल,झन्नाटा
    • Sheetal Maheshwari Dhaansu:)
    • वंदना अवस्थी दुबे कमाल, बेहतरीन, लाजवाब, शब्दातीत 
    • मनबोध मास्टर वो शिखा वार्ष्णेय जी का रूसी शब्द हमारे बिहारी में ऐसे बोला जाता , "जा बे तेल ले आना" 
    • Sheetal Maheshwari Achambhit 
    • Vibha Shrivastava .
      remarkable
      supernatural
      Marvellous 
      astonishing
      Vibha Shrivastava कुल मिला कर एक बात अचम्भित
    • Ddm Tripathi ·फाड़ू..मुम्बईया में
    • Rashmi Prabha वाह, क्या बात है, अत्युत्तम
      Asha Pandey Ojha Asha शानदार अभूतपूर्व ,, क्या गज़ब .. अनिवर्चनीय
    • मनबोध मास्टर सुघर , निम्मन, चकाचक ,
    • Asha Pandey Ojha Asha धाकड़,जबरो ,जोरदार ,सांतरो, वा भाई वा ,
    • Asha Pandey Ojha Asha धाँसू ,लूंठो.. ठावको ...
    • Asha Pandey Ojha Asha निराळो .. रुपाळो ,तगड़ो,
      • Shikhar Chand Jain ठाडो
      • Meenu Kapoor   किसी reality show में सुना था यह शब्द पता नहीं किस शब्दकोष
        में है -----fanta bulous शायद fantastic से भी वजनी बताने के 
        लिए प्रयुक्त
        Ragini Mishra Allahabadi to "chaukas" hi kahenge
      • Mansingh Rajpurohit ·Utam ati utam , lajvab -lekin yah to bataye ji ki aap es sabd ka proyog ki par kar rahi hai
      • Udan Tashtari अद्भुत के बराबरी से हमारे शहर की लोकल भाषा में "सन्नाट” 
      • Dhirendra Pandey आश्चर्यजनक , बेमिसाल ,अद्वितीय
    • Dhirendra Pandey अनुपमेय
    • Sandhya Sharma छान- मराठी में  
    • Anamika Ji Kamaal hai  
    • Anurag Sharma अजीबोगरीब, विचित्र, विस्मयकारी, अनुपम, अतुल, हैरतअंगेज़, अनोखा, अनूठा
    • Ashok Bhatia · झक्कास
    • Hema Awasthi दइया रे ...  
    • Deepak Shukla विलक्षण, अद्वितीय.. ..
    • Saras Darbari चौचक...!!! वैसे और भाषाओँ में भो कुछ ऐसे उदगार हैं, जैसे सुभान अल्लाह, माशाल्लाह...
    • Suman Malik Taneja Bahut baddiya,baemisall , kamaal ,chokhha, behtareen 
      Vadiya in panjabi