बातचीत व्यवहार में हिंदी /अंग्रेजी का प्रयोग अधिक होने के कारण प्रादेशिक /देशज शब्दों का शब्दों का प्रयोग इतना कम हो गया है कि कई बार कानों में सुन पड़ने वाले शब्द दिमाग पर चोट करते हैं और हमारी प्रतिक्रिया होती है - अरे हाँ ! ऐसे भी तो बोला जाता है.
शब्दों के विशाल संग्रह से अपने आपको परिचित करवाने का प्रयास है यह ब्लॉग। यात्रा में साथी बनेंगे आप भी !
किसी भी प्रादेशिक बोली /भाषा के एक शब्द का चयन करते हुए उसी शब्द के पर्याय अन्य भाषाओँ में लिखने का प्रयास रहेगा। अपनी शब्द प्रतिभा को अवसर दीजिये शब्दों की इस परिक्रमा को समृद्ध करने का !!
आज का शब्द है राजस्थानी भाषा में -
ओळ्यूं - याद
माँ री ओळ्यूं (माँ की याद )
ओळ्यूं - याद
माँ री ओळ्यूं (माँ की याद )
ओळमों- उलाहना , शिकायत
बे काईं ओळमों दियो ! (उन्होंने क्या शिकायत की )
हमारे देश में बोली जाने वाली अन्य बोलियों /भाषाओँ में इसे क्या कहते हैं। उदाहरणस्वरुप एक वाक्य हो जिसमे भावार्थ प्रकट हो तब तो बात ही क्या !!
बहुत कुछ सीखने को मिलेगा यहाँ ..........
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !!
आभार !
हटाएंज्ञानवर्धक उद्देश्यपूर्ण शरुआत
जवाब देंहटाएंहमारी स्थानीय बोली में
जवाब देंहटाएंओळ्यूं : अवळु
ओळमो : ओलम्भो (शायद उपालंभ का रूप है)
आभार !
हटाएंबुंदेलखंडी में उलाहना देने को' उरेन ' या 'उरेना' कहते है.
जवाब देंहटाएंजैसे-
तुमाई बदमाशी को उरेन देबे जा रय हे.
(तुम्हारी बदमाशी का उलाहना देने जा रहे है)
सुंदर प्रयास...बहुत सीखने मिलेगा.
सीखने की यात्रा के हम सब साथी है। स्वागत है आपका !
हटाएंआभार !
मागधी में उकटना....वहाँ एक कहावत है-निकटी के खाय , उकटी के न खाए
जवाब देंहटाएंमतलब थोड़े में रह लो मगर किसी की दी हुई ऐसी सुविधा का लाभ न लो जहाँ उलाहना सुनना पड़े
इस यात्रा की साथी बनने का ह्रदय से बहुत आभार!!
हटाएंशुभकामनाएँ...बहुत सुन्दर प्रयास...फौलो करने का ऑप्शन दीजिए ताकि नई पोस्ट तुरन्त पता चल सके
जवाब देंहटाएंबढ़िया शुरुआत ! नया सीखने का अवसर मिलेगा ! हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत आभार!!
हटाएंज्ञापकम (तेलुगु) = याद - नाकु ज्ञापकम लेदु = मुझे याद नहीं
जवाब देंहटाएंनिनैवु (तामील) = याद - एन्नडुय निनैविल इल्लै = मुझे याद नहीं
ओर्मा (मलयालम) = याद - एन्डे ओरमयिल इल्ल्या = मुझे याद नहीं
इन शब्दों के लिए बहुत आभार मगर यहाँ याद करने का भावार्थ उचित प्रतीत नहीं हो रहा है।
हटाएंओळ्यूं किसी व्यक्ति को याद करने में प्रयुक्त होता है जबकि मुझे ज्ञात नहीं भिन्न अर्थ देगा।
"मुझे माँ की याद आती है "- इस वाक्य के लिए प्रयुक्त होने वाले इन भाषाओँ के शब्द उपयुक्त होंगे।
naye blog ki shubhkaamnaye......apni bhasha ko padhna achha lagata hai !
जवाब देंहटाएंबहुत आभार!!
हटाएंहमारे यहाँ उकटना कहते हैं ---- शब्दों की दुनियां से परिचित कराने की सार्थक पहल है -- शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत आभार!!
हटाएंमाँ- भोजपुरी में माई। मराठी में-आई। नेपाली में-आमा।
जवाब देंहटाएंयाद-भोजपुरी में याद। नेपाली में-समझना।
माँ की याद-माई क याद आ रहल हौ। ऐसे भी कहते हैं-आज माई हमे याद करत हौ। आज माँ मुझे याद क्र रही हैं।
शिकायत तो भोजपुरी में भी, नेपाली में भी प्रयोग होता है। मराठी में---- भूल रहा हूँ। :)
जवाब देंहटाएंबहुत आभार!!
हटाएंउलाहना का ही अपभ्रंश है "ओरहना" (मागधी और भोजपुरी में) मगर उलाहना शिकायत नहीं है! दोनों अलग अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है!
जवाब देंहटाएंनाकु ज्ञापकम लेदु
जवाब देंहटाएंब्लॉग का सुंदर एवं सार्थक उपयोग.
जवाब देंहटाएंअरे वाह... बहुत बढिया प्रयास है ये. शामिल होना चाहूंगी तुम्हारी इस शब्द यात्रा में. बल्कि हम सबकी इस शब्द यात्रा में.
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