आज एक राजस्थानी कहावत पर विचार करें।
राबड़ी बोली म तन दाँतां से खाऊँ (राबड़ी ने कहा मैं तुझे दांतों से चबा जाउंगी )
यानि कि अपनी सामर्थ्य को बढ़ चढ़ कर बताना या प्रचारित करना। राबड़ी एक राजस्थानी पारम्परिक व्यंजन है जिसे मक्का , बाजरा के आटे को छाछ में घोलकर पकाया जाता है। इसे पीने के जैसे ही खाया जा सकता है और ऐसी चीज यदि ललकारें कि मैं तुझे अपने दांतों से चबा जाऊं तो असंभव सी बात लगेगी।
वैसे ही जैसे चूहा हाथी को ललकारे !
कुछ भी हो सकता है :)
जवाब देंहटाएंहमारी तरफ यह कहावत उसी भावार्थ में होते हुए भी भिन्न है- "राबड़ी भी केहवे म्हनै दांतां सुं चावौ" - राबड़ी उठके कहे मुझे भी दांतों से चबाओ। अतिशयोक्तिपूर्ण अपेक्षा! (हमारे यहाँ की राबड़ी तरल ही है :) )
जवाब देंहटाएंअच्छी है कहावत ...
जवाब देंहटाएंवाह बहुत अच्छी जानकारी1पहली बार कहावत सुनिइ1
जवाब देंहटाएंफिर भी कभी कभी कोई ये सोचे की आज कुछ तूफानी करते हैं....
जवाब देंहटाएं.तो क्या कर सकते हैं.....😊
अच्छा है खाओ और पियो.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब। अच्छी रचना।
जवाब देंहटाएंbada hi khoob likha hai aapne, thanks sir
जवाब देंहटाएंZee Talwara
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